प्रधानमंत्री मोदी ने स्कूली बच्चों के साथ परीक्षा पर चर्चा क्या की, सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में फंसे छात्र चाहते हैं कि उनकी परीक्षा पर भी प्रधानमंत्री चर्चा करें. ताकि 12वीं के जो छात्र अगले एक दो साल में जब पहली बार मतदाता बनेंगे तो उन्हें भी पता चले कि आगे सरकारी परीक्षाओं का एक भयानक स्वरूप उनका इंतज़ार कर रहा है. प्रधानमंत्री की परीक्षा पर चर्चा पर एक लंबी चर्चा ज़रूरी है. अगर इस लंबी चर्चा को लेकर कोई चर्चा हो तो देश के नौजवानों के कई साल बच जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि असफलता से नहीं घबराना है. परीक्षा ही सब नहीं है. मगर पढ़ाने के लिए जो सिस्टम बना है उसे क्यों काम करने के तनाव से मुक्ति दी जा रही है. पिछले साल अप्रैल में यूपी माध्यमिक और इंटरबोर्ड के दस लाख छात्र हिन्दी में ही फेल हो गए थे. ऐसे छात्र भी यहां होते तो उन्हें प्रधानमंत्री की बातों से प्रेरणा मिलती. उम्मीद है प्रधानमंत्री ने शिक्षा के सिस्टम पर भी कुछ आश्वासन दिया होगा. परीक्षा पर चर्चा की लोकप्रियता का ही असर रहा होगा कि रेल मंत्रालय की परीक्षाओं के सताए नौजवान मुझसे परीक्षा पर चर्चा करने लगे.