2019 से पहले 1992 आ रहा है बल्कि आ चुका है. इंतज़ार अब इस बात का है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कब 1992 के इस सियासी खेल में उतरते हैं. 2014 में प्रधानमंत्री की उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी के भाषणों को याद कीजिए, क्या आपको कोई भाषण याद आता है, जो मुख्य रूप से राम मंदिर पर केंद्रित हो. उस चुनाव में मां गंगा ज़रूर आ गई थीं मगर राम मंदिर का सवाल मेनिफिस्टो में किसी किनारे दर्ज था. 2014 के मेनिफेस्टों में राम मंदिर का ज़िक्र पेज नंबर 37 पर था. 38 पेज के मेनिफेस्टों में 37वें पेज पर वो भी तीन लाइन. मगर कुछ दिनों से राम मंदिर बीजेपी और संघ के नेताओं के भाषण में पहले पन्ने पर आ गया है. सवाल है प्रधानमंत्री मोदी कब राम मंदिर पर भाषण देंगे.