मोदी सरकार के चार साल हुए हैं तो रेल मंत्रालय के भी चार साल हुए हैं. इस दौरान दो काबिल नेताओं को रेल मंत्री बनने का मौका मिला है. पहले सुरेश प्रभु और फिर डाइनैमिक पीयूष गोयल. आपके जमा टैक्स से रेल मंत्रालय के विज्ञापनों में न तो ट्रेन के देरी से चलने का डिटेल होता है और न ही प्लेटफार्म पर ठंडे पानी की ख़राब वेडिंग मशीन का. हमारे सहयोगी और दर्शक इस काम में सहयोग कर रहे हैं. बीजेपी के सांसद अंशुल वर्मा ने बताया कि मुरादाबाद मंडल यानी कई ज़िलों के प्लेटफार्म पर पानी की वेंडिंग मशीन ख़राब है. तो हमारे सहयोगी अनवर मुरादाबाद स्टेशन गए. वहां पर एक परिवार को शौचालय में बंद देखा. आप कह सकते हैं कि इसमें नया क्या है. इस लिहाज़ से भारत में फिर कुछ भी नया नहीं है. न नेता का झूठ नया है न उसका सब कुछ बदल देने का दावा नया है.