नौकरी सीरीज़ का 30वां अंक है. नेता और नौजवान आमने सामने हैं. नेता अपना मंच चुन लेते हैं और युवाओं पर भाषण दे देते हैं, नौजवान जब अपना मैदान चुनता है तो उनके बीच कोई नेता नज़र नहीं आता है. इस देश में आदमी का नंबर बन गया है मगर कितनी नौकरी मिलती है, कितनों की जाती है, इसका कोई ठोस आंकड़ा नहीं है. इसलिए गोलमोल की बात कर नेता गोलमाल कर जाते हैं. भारत में बेरोज़गारी बढ़ती जा रही है और बेरोज़गारी पर ही बात नहीं हो रही है. चुनाव आने वाला है और युवाओं को बेवकूफ बनाने के लिए ऐलान किया जा रहा है कि तीन-चार लाख बहाली करेंगे. हो यह रहा था कि सरकारों ने नौकरियां देनी बंद कर दी थीं या कम कर दी थीं, अब सरकारों के पास तीन से चार लाख भर्ती करने का ढांचा ही नहीं है. इसलिए चार लाख बहाली का ऐलान पहली ख़बर तो है मगर किसी को पता नहीं कि बहाली कब होगी.