महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर 24 और 25 तारीख को दो दिनों तक ताला लगा रहा. गेट के बाहर कागज पर लिखकर टांग दिया गया कि राजघाट सबके लिए बंद किया जाता है. क्यों बंद किया गया, किसका फैसला लिया, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. किसी को नहीं से मतलब है कि जो लोग पूछ रहे हैं उन्हें नहीं बताया गया है. जो लोग पूछ रहे हैं वो गांधी के दर्शनो को लेकर आजीवन काम करते रहे हैं. गांधी शांति प्रतिष्ठाम के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने दो दिनों तक राजघाट के बंद किए जाने पर शुक्रवार को प्रदर्शन में हिस्सा लिया. कुमार प्रशांत का कहना है कि 24 और 25 जून को कौन सा वीआईपी आया था जिसके कारण राजघाट बंद किया गया. उस दिन तो कोई वीआईपी भी नहीं आया था. सुशील महापात्र बापू की समाधि के बाहर जमा लोगों के प्रदर्शन को कवर करने गए थे और वहां उन लोगों से बात की. कुमार प्रशांत का कहना है कि देश के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं. क्यों राजघाट का बिना कारण बताए बंद कर दिया जाना गांधीवादियों के लिए बड़ी बात है, आप सुनिए.