हमारी लड़ाई कश्मीर को लेकर है, कश्मीरियों से नहीं है, प्रधानमंत्री ने यह बात देश से कही थी मगर उन्हीं की पार्टी के दो नौजवान कार्यकर्ताओं ने नहीं सुनी. क्या कश्मीरी होना अपने आप में अपराध हो चुका है कि जहां वे दिखाई दे वहां दो चार लोग लाठी डंडा लेकर पीटने लगें. क्या हम इस स्थिति में आ पहुंचे हैं, कभी सोचिएगा कि नफरत करने से पहले कश्मीर या कश्मीरियों के बारे में आप क्या जानते हैं. न्यूज़ चैनलों और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के फैलाए प्रोपेगैंडा से आप कश्मीर और कश्मीरियों के बारे में राय रखते हैं तो आपको एक बार खुद को चेक करना चाहिए. वरना आधी अधूरी जानकारी आपको अपराध के रास्ते पर ले जा सकती है.