2018 के उपचुनावों में कैराना ने बीजेपी को बताया कि गठबंधन के असली राजनीतिक मतलब क्या हो सकते हैं. 2014 में ये सीट बीजेपी ने हुकुम सिंह को उम्मीदवार बना कर ख़ासे अंतर से जीती थी. उनकी मौत के बाद पार्टी ने उनकी बेटी मृगांका सिंह को 2018 के उपचुनाव में टिकट दिया, लेकिन तब तक न मोदी लहर बची थी और न सहानुभूति की लहर काम आई. सपा-बसपा और आरएलडी की साझा उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने उन्हें 44,000 वोटों से हरा दिया. 2019 में बीजेपी ने मृगांका का टिकट काट दिया है और उनके समर्थक उनके घर ये बैनर लगा कर बैठे हुए हैं.