लोकसभा और राज्यसभा ने महिला आरक्षण बिल को पास कर दिया है. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जरूरत है. खास बात यह है कि इस बिल को राज्य विधानसभाओं से पास कराने की जरूरत नहीं है.
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