नौकरी सीरीज़ का 18वां अंक आपके सामने हाज़िर है. मुझे पता है कि हर राज्य के छात्रों की बेचैनी बढ़ती जा रही है. जब आपकी चुनी हुई सरकारों ने कुछ नहीं किया जबकि उनके पास इस काम के लिए मंत्री भी हैं, आईएएस अफसर भी हैं, बहुत सारे कर्मचारी भी हैं तो मेरे साथ धीरज रखिए. मैं बहुत सीमित संसाधन में काम करता हूं. एक ही समस्या को सौ लोग भेजें यह कोई ज़रूरी नहीं है. धीरे धीरे सबका नंबर आएगा. आप नौजवानों ने महसूस किया कि आपके दिलों में आग जल रही है मगर टीवी चैनल पर चलने वाली हिन्दू मुस्लिम और नकली राष्ट्रवादी डिबेट आपको किसी और आग में जलाना चाहती थी. अगर आपने इस ख़तरे को समझा होता तो आज भारत में मूल समस्याओं पर बात हो रही होती.