बुलडोजर का इंसाफ कितना गलत होता है इसका ताजा उदाहरण है उज्जैन शहर में महाकाल की सवारी के दौरान कथित तौर पर थूकने का केस...जिन पर आरोप था उनके घर बिना अदालती जिरह के ढहा दिए गए और अब अदालत ने तीनों आरोपियों को जमानत दे दी है क्योंकि शिकायकर्ता ने ही आरोपी को पहचानने से इनकार कर दिया.