असम में लोग नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लड़ाई के लिए चावल जमा कर रहे हैं और बेचकर वकील का खर्चा निकाल रहे हैं. उधर, गृहमंत्री अमित शाह डंके की चोट पर कह रहे हैं कि यह कानून वापस नहीं होगा. हर कोई सुन ले. डिब्रूगढ़ के 85 गांवों के 15000 परिवारों ने हर घर से चार किलो चावल दिया है. 45000 किलो चावल जमा कर ऑल असम स्टुडेंट यूनियन को दिया. जो परिवार चावल नहीं दे पाए कैश दिया. ताकि सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मुकदमा लड़ा जा सके. इस बीच असम के 19 लाख नागरिक नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन में नहीं आ सके, वो काफी परेशान हैं. छह महीने हो गए लेकिन उन्हें पता नहीं कि फॉरेन ट्रिब्यूनल में कार्रवाई कब शुरू होगी.