15 दिसंबर को जामिया में हुई हिंसा को लेकर जो वीडियो सामने आ रहे हैं उनको लेकर पुलिस का जो आधिकारिक बयान है उसमें यही कहा गया है कि जांच हो रही है. बड़ा सवाल है कि लाइब्रेरी के भीतर पुलिस लाठी चार्ज करती है. क्या उसे करना चाहिए था. वो बगैर अनुमति के लाइब्रेरी के भीतर क्यों गई, क्यों लाठी चार्ज किया. सुशील महापात्रा ने मुस्तफ़ा से बात की. जो उस वक्त लाइब्रेरी में था. एक वीडियो में आप देख सकते हैं कि सुदूर कोने में चंद छात्र आराम से बैठे हैं. वहां पर एक पुलिस वाला बाद में जाता है और मारना शुरू करता है. एक छात्र भागता नज़र आता है. लेकिन मुस्तफा का दावा है कि वह वहीं बैठा था. उसने दोनों हाथ ऊपर किए थे लेकिन पुलिस मारती रही. मुस्तफा और मिन्हाजुद्दीन को गंभीर चोटें आई हैं. मुस्तफा का दोनों हाथ टूट गया. एक तो ठीक हो रहा है मगर दूसरा ठीक नहीं हुआ है. मिन्हाज की एक आंख पूरी तरह से खत्म हो गई है. मुस्तफा और मिन्हाज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एक करोड़ का हर्जाना मांगा है.