आख़िरकार भारतीय रेलवे को यह बात समझ में आ गई कि परीक्षा का शुल्क 500 रुपये रखने का कोई तुक नहीं था. अब फैसला हुआ है कि परीक्षा के बाद 400 रुपये वापस कर दिए जाएंगे. आरक्षित श्रेणी के छात्रों को भी 250 रुपये वापस कर दिए जाएंगे. जब आप आईएएस के इम्तहान का फार्म 100 रुपये में भर रहे हैं तो रेलवे के ग्रुप डी की परीक्षा का फार्म 500 रुपये में क्यों भरेंगे, बहरहाल रेलवे को यह बात समझ आ गई है. यह सटीक उदाहरण है कि परीक्षाओं को लेकर हमारी संस्थाएं कितनी गंभीर हैं. रेलवे ने जब भर्ती निकाली तो उम्र सीमा दो-दो साल कम कर दी, जब हंगामा हुआ तो पहले की तरह बहाल कर दी गई. बदलाव ही करना है तो उसका एक तरीका है, उसका ऐलान दो साल पहले किया जाए. चार-चार साल से नौजवान नौकरी की तैयारी कर रहे हैं और जब फार्म निकले तो उम्र से लेकर फीस के कारण बाहर कर दिए जाएं यह उचित नहीं है.