प्रधानमंत्री मोदी ने दोबारा भारी बहुमत से जीतने के बाद 25 मई को अल्पसंख्यक समुदाय के लिए खास संदेश दिया था. संसद में बीजेपी के चुन कर आए सांसदों को सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि अल्पसंख्यक समुदाय को हमेशा छलावे में रखा गया है, डरा कर रखा गया है. उसकी बेहतरी की चिंता नहीं की गई, उसके सामाजिक आर्थिक तौर पर आगे बढ़ने के इंतज़ाम नहीं किए गए. अल्पसंख्यकों का इस्तेमाल सिर्फ़ वोट बैंक के तौर पर किया गया. प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान की मुस्लिम समाज के कई जाने माने लोगों ने तारीफ़ की है. हाल ही में मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक समाज के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अगले 5 साल में 5 करोड़ विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने का ऐलान किया जिसमें आधी तादाद लड़कियों की होगी. बहरहाल मुस्लिम समाज का एक वर्ग है जो सवाल खड़े कर रहा है. चिन्ताएं उन वाकयों पर भी है जहां इस कौम के लोग निशाने पर आ रहे हैं. ट्रिपल तलाक का मुस्लिम महिलाएं स्वागत कर रही हैं लेकिन जेल भेजे जाने के प्रावधान पर सवाल उठाये जा रहे हैं. क्या सोच और चिन्ताएं हैं इस समाज की?