Water Crisis: होली का त्योहार गया और गर्मियों का मौसम आ रहा है... और गर्मी आते ही देश के कई हिस्सों में लोग पानी को तरस जाते हैं। पीने के पानी की ख़ासतौर से कमी हो जाती है...बड़े शहरों में जब नल सूख जाते हैं तो सरकारी या प्राइवेट टैंकरों से लोगों की प्यास बुझती है...दूसरी तरफ़ लोग पीने का पानी खुले आम बर्बाद भी करते रहते हैं...जो पानी किसी के पीने के काम आ सकता है उससे लोग अपनी गाड़ियां धोते हैं और लॉन पर छिड़कते हैं। वैसे भी पानी की हर जगह कमी है..जिन नदियों से कभी हमें पानी मिलता था उन्हें हमने इतना प्रदूषित कर दिया है कि उसे मुंह लगाना भी अपनी जान जोखिम में डालना है। हालात इतने ख़राब हो गए हैं कि जिस बारे में बहुत पहले सख़्त फ़ैसले हो जाने चाहिए थे...वो अभी तक अटके पड़े हैं।