यह कहा जा रहा है कि घटना उस वक्त हुई जब ड्यूटी की अदला बदली हो रही थी. तब तो जेल में अतिरिक्त सतर्कता होनी चाहिए. एक पल के लिए मान भी लें तो क्या सब इतने बेपरवाह थे, ड्यूटी बदलने के वक्त कि आठ कैदी भाग निकले. ड्यूटी की अदला बदली के वक्त क्या बैरकों या सेल के ताले भी खोले जाते हैं.