देरी के सवालों और चुनाव आयोग की चेतावनियों के बीच बीजेपी ने आखिरकार अपना घोषणापत्र जारी किया। हालांकि इसे नरेंद्र मोदी के एजेंडा के रूप में देखा जा रहा है। अब समझना यह है कि मोदी मंत्र क्या है……क्या मोदी के विकास के ऐजेंडे ने पुराने मुद्दों को पीछे छोड़ दिया है? एक चर्चा..