गुजरात सरकार के अन्न और नागरिक आपूर्ति विभाग ने गरीबी की नई परिभाषा जारी की है। इसके मुताबिक ग्रामीण इलाकों में जिस परिवार के हर सदस्यों की मासिक आमदनी 324 रुपये तक है, वे गरीब नहीं हैं, जबकि शहरों में 501 रुपये हर महीने कमाने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है।