अभिज्ञान का प्वाइंट : अराजकता की राजनीति

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  • प्रकाशित: जनवरी 27, 2014
आजादी से पहले और आजादी के बाद सियासी दलों का किसी भी मुद्दे पर धरना प्रदशर्न करना एक बहुत पुरानी परंपरा है। लेकिन कई बार इसे लेकर सवाल उठे हैं, क्योंकि यह आम आदमी को तकलीफ पहुंचाता है और उसके जीवन पर सीधा असर डालता है।

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