दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल धरने पर बैठे और नतीजा रहा− आम आदमी को तकलीफ। आम आदमी के नाम की पार्टी बनाने वाले अरविंद केजरीवाल ने यह क्यों नहीं सोचा कि इस तरह के धरने से लोगों को मुश्किल होगी। सवाल यह है कि क्या वह मुश्किल पैदा करना चाहते हैं या यह चाहते हैं कि मीडिया का फोकस उन पर ही बना रहे?