शाजापुर : अपनों के भेदभाव की शिकार बेटियां

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  • प्रकाशित: सितम्बर 14, 2013
जिस समाज में लड़कियों की पैदाइश ही गुस्से और मायूसी का सबब बन जाए, वहां परिवार की सबसे बड़ी बेटी तो बच जाती है, लेकिन उसकी छोटी बहनों का जीना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि वे उस बेटे की जगह आ गईं, जिसकी राह देखी जा रही थी।

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