एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली की सड़कों पर 45 हजार ऐसे बच्चे हैं जिनका न घर है... न कोई ठिकाना। मुंबई में इससे भी ज्यादा ऐसे बच्चे हैं। (यह एपिसोड मूल रूप से अक्टूबर, 2003 में प्रसारित किया गया था, और अब इसे 'एनडीटीवी क्लासिक' के तहत दोबारा दिखाया गया है)