इंडियानामा में इस बॉलीवुड की रंगीन दुनिया के पीछा का काला सच... सैकड़ों की संख्या में लोग यहां फिल्मों में निर्देशक बनने आते हैं लेकिन कुछ ही का भाग्य चमकता है।(यह एपिसोड मूल रूप से मार्च 2008 में प्रसारित किया गया था, और अब इसे 'एनडीटीवी क्लासिक' के तहत दोबारा दिखाया गया है)