उत्तराखंड से अब ज्यादातर सैलानी और श्रद्धालु निकल चुके हैं, लेकिन स्थानीय लोग अब भी उस त्रासदी की मार झेल रहे हैं। सड़क, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं तो तबाह हो ही चुकी हैं, साथ ही कई इलाकों तक राहत सामग्रियों के न पहुंचने से लोग दोहरी परेशानी झेल रहे हैं।