74 मासूमों की मौत न होती, तो गैरकानूनी निर्माणों पर शायद सरकार की नजर न जाती। हादसा ऐसा कि मलबे के एक-एक इंच को टटोलने में 48 घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया।
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