दिग्विजय सिंह के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी यह तो मान रही है कि सत्ता के दो केंद्र हो सकते हैं, लेकिन इसमें तालमेल की किसी कमी से इनकार कर रही है। क्या सत्ता के दो केंद्र बेहतर होते हैं और उनमें चेक−बैलेंस की गुंजाइश ज्यादा होती है या उनकी वजह से फैसले टलते हैं...खास बहस इसी मुद्दे पर