उम्मीद और आशंकाओं के बीच फंसी रिटेल की बहस

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  • प्रकाशित: सितम्बर 23, 2012
रिटेल की बहस आम आदमी और छोटे दुकानदारों की उम्मीद और आशंकाओं के बीच फंस गई है। एक जायजा ले रहे हैं रवीश कुमार हमलोग में।

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