करुणानिधि की मौत के बाद डीएमके में एक तरीके से वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है. करुणानिधि काफी पहले ही छोटे बेटे स्टालिन को अपना वारिस घोषित कर चुके थे.दूसरी तरफ, पिता की मौत के बाद स्टालिन के भाई अलागिरी ने अपनी ताक़त दिखाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि उनके पिता के सारे वफ़ादार उनकी तरफ़ हैं