एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी और दंडनीय अपराध बनाने के लिए सरकार ने लोकसभा में बिल पेश कर दिया. इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के अंतर्विरोध साफ दिख रहे हैं. बिल के स्टैंडिंग कमेटी भेजने की कांग्रेस की मांग को सरकार ने ठुकरा दिया है. इसके बाद संभावना है कि लोकसभा से पारित होने के बावजूद बिल राज्यसभा में फंस जाए और सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया जाए. AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी के संशोधन पर वोटिंग हुई लेकिन उनका संशोधन गिर गया. उनके संशोधन को सिर्फ़ दो वोट मिले.