ट्रेड आरक्षक जनता के नहीं साहब के सेवक, घरों का काम करने पर मजबूर हजारों सिपाही

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  • प्रकाशित: अगस्त 27, 2022
जब बात विकास की हो तो सरकार अक्सर बजट का रोना रोती रहती है, लेकिन यही सरकार अफसरों की सहूलियत पर जमकर पैस खर्च करती है.

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