अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पक्ष की तरफ से वकालत कर रहे कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कहा कि अभी यही साफ नहीं है कि स्पीकर सचिन पायलट और बाकी विधायकों को लेकर क्या फैसला देते हैं तो पहले ही मामले को अदालत में ले जाने का कोई मतलब नहीं था. देश के इतिहास में आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि स्पीकर की कार्रवाई में अदालत ने हस्तक्षेप किया हो.