मध्यप्रदेश एक समय बाघों की संख्या में पहले नंबर पर था लेकिन अब यहां बाघों की संख्या तेजी से घट रही है. यहां स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स की घोषणा के सात साल बाद भी इसका गठन नहीं हो सका है. नतीजा ये है कि पिछले सात सालों में बाघों का तेजी से शिकार हुआ है. इस बात की जानकारी नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने हाल ही में जारी अपनी एक रिपोर्ट में दी है.