पोलैंड के प्रोफेसर से संस्कृत के श्लोक सुनकर आप भी चकित हो जाएंगे. ये न सिर्फ हिन्दी और संस्कृत धारा प्रवाह बोलते हैं, बल्कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति को भी बहुत गहरे से जानते हैं. ये बताते हैं कि भारत के प्रति इनका लगाव उनकी मां की देन है जो भारत आना चाहती थीं और बाद में आईं भी. न सिर्फ पोलैंड, बल्कि यूरोपीय देशों और भारत के बीच संबंधों में इन्होंने एक पुल का काम किया है. इनके योगदान की ख़ातिर ही इनको भारत सरकार ने इनको पद्म श्री सम्मान से नवाज़ा है. उनसे उमाशंकर सिंह की एक बातचीत.