आंकड़ों का विश्लेषण और उनका आधार हमेशा विवादित रहा है, इसलिए आपको तमाम तथ्यों के साथ देखना होगा. यह बात 'तू-तू मैं-मैं' बहस की नहीं है. यह मुद्दा पहली बार नहीं उठा है. संघ की तरफ से ऐसी बात होती रहती है. पूर्व पत्रकार क़मर वहीद नक़वी साहब ने इन बिन्दुओं पर अपना जवाब भेजा है, जिसे हम वीडियो ब्लॉग के रूप में पेश कर रहे हैं.