तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि द्वारा Secularism पर दिए गए बयान के बाद से यह विषय काफी चर्चाओं है. सवाल है कि क्या सविंधान में जोड़ा गया Secularism शब्द बेमाना है, क्योंकि भारत देश तो पहले से ही धर्मनिरपेक्ष है. लेकिन वर्तमान समय में जो संवैधानिक पदों पर बैठे हुए लोगों द्वारा किसी एक धर्म को लेकर बयानबाजी की जा रही है या एक ही धर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. सवाल है कि क्या इससे धर्मनिरपेक्ष शब्द की व्याख्या बैमानी तो नहीं हो गई है. इसी विषय पर आज NDTV Cafe शो में विस्तृत चर्चा हुई.