सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें किशोरियों को अपनी यौन इच्छाओं (किशोरियों की निजता के अधिकार के संबंधन में) पर नियंत्रण रखने को कहा गया था. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने कहा कि अदालतों को किस तरह फैसला लिखना चाहिए, इस पर भी विस्तार से बताया गया है.