Superboys of Malegaon: Mumbai आकर फ़िल्में नहीं बनाना चाहते Filmmaker Nasir Shaikh | Spotlight

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  • प्रकाशित: मार्च 01, 2025

Superboys of Malegaon: कस्बों की अपनी जिंदगी होती है. अपनी परेशानियां होती हैं. अपने ख्वाब होते हैं और अपना यूटोपिया होता है. ये ऐसी जगहें होती हैं जहां सपने देखने और उन्हें पूरा करने का माद्दा हर किसी में नहीं होता. लेकिन जो सपने देखकर उन्हें पूरा करने निकल पड़ते हैं फिर उन जैसा भी कोई नहीं होता. इन्हीं सपनों और जज्बों की कहानी है सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव. मालेगांव में सपने हैं, सिनेमा है, दोस्ती है, जिगरी याराना है, कुछ उलझनें हैं और सबसे ऊपर सिनेमा को लेकर जुनून है. रीमा काग्ती ने सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव के जरिये एक ऐसी दुनिया सामने रखी, जिसे दर्शकों के सामने पेश करनी की हिम्मत हरेक डायरेक्टर नहीं कर पाता