महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मराठी भाषा ही छात्रों की शिक्षकों की राह में बाधा बन गई है. BMC में ऐसे 252 शिक्षक हैं, जिनके चयन के बावजूद नियुक्ति नहीं हो पा रही हैं. इन्हें नियुक्ति इसलिए नहीं मिल रही कि क्योंकि उन्होंने अंग्रेजी माध्यम की जगह मराठी माध्यम में स्कूल से पढ़ाई पूरी की थी. अधिकारियों से परेशानी बताने के बावजूद नियुक्ति नहीं मिल रही. पीड़ितों का कहना है कि इतना कड़ा एग्जाम पास करने के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही. शिवसेना इस मराठी मानुष के मुद्दे पर घिर गई है. बीएमसी ने कहा कि कान्वेंट स्कूलो में वे सिर्फ अंग्रेजी माध्यम वाले शिक्षकों को लेंगे.पीड़ित छात्रों ने शिवसेना भवन तक मार्च निकालने का ऐलान किया है.