अगर आप जौनपुर की संयुक्त सभा से मायावती-अखिलेश यादव के भाषण का अर्थ निकालें तो दोनों के भाषण मिलकर एक नई जमीन तैयार करते देख रहे हैं. मायावती जहां स्पष्टता के साथ कांग्रेस और बीजेपी पर हमला बोलती हैं वहीं अखिलेश यादव साफ-साफ शब्दों में समां बांधते हुए, सवाल पूछते हुए हमला कर रहे हैं.