सवर्णों को आरक्षण के मुद्दे पर बोले केटीएस तुलसी, यह सिर्फ लुभाने की कोशिश

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  • प्रकाशित: जनवरी 07, 2019
नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है. वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी कहते हैं कि यह संसद में पास नहीं हो सकता है और न ही कोर्ट इसे मानेगी. उनका कहना है कि आरक्षण 50 फ़ीसदी से ज़्यादा हो नही सकता है. या तो जाति आधारित ख़त्म कर दें और आर्थिक आधार पर अपना लें. दोनों साथ नहीं हो सकता.

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