22 अप्रैल को जंतर-मंतर पर गजेंद्र सिंह अपने जोशो-ख़रोश में किसी हादसे का शिकार हो गया या उसने जान-बूझ कर अपने लिए ये मौत चुन ली? क्राइम ब्रांच ने अब इस बात की तस्दीक कर ली है कि उस दिन दोपहर एक बजे के आसपास गजेंद्र सिंह ने एक रिश्तेदार को फोन करके टीवी देखने को कहा था, बताते हुए कि कुछ बड़ा होने वाला है।