ऐसा कैसे हो गया कि 2003 में राज्य के गृहमंत्री हरेन पंड्या की हत्या होती है और 15 साल बाद भी किसी को सज़ा नहीं होती है. हत्यारा नहीं पकड़ा जाता है. अगर एक गृहमंत्री की हत्या का आरोपी पकड़ में नहीं आता है, इस मामले में फैसला देते हुए 2011 में गुजरात हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी की कड़ी आलोचना की थी. कई जगहों पर बताया कि कैसे एजेंसी ने सही तरीके से जांच नहीं किया. उसके बाद भी सीबीआई ने नए सिरे से जांच नहीं की. बल्कि अपने चार्जशीट के आधार पर गुजरात हाईकोर्ट से बरी हुए 12 आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई. सुप्रीम कोर्ट से अंतिम फैसला नहीं आया है. अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है.