यह कहानी स्मृति की है, लेकिन सरोकार के बारे में है. स्मृति एक कच्ची बस्ती में बच्चों को पढ़ाती-लिखाती, उनके साथ खेलती थी. इसी दौरान एक बच्चे के पिता की मौत हो गई. बच्चे को संभालने वाला भी कोई नहीं रहा. पता चला कि वो एचआईवी पॉजिटिव था. वह उस बच्चे को घर ले आई. तभी स्मृति ने तय किया कि वो ऐसे बच्चों के लिए काम करेगी.