नागरिकता संशोधन बिल को लेकर विपक्ष को तमाम ऐतराज रहे और लोकसभा, राज्यसभा में बहस के दौरान विपक्ष के नेता खुल कर इन पर बोले भी. ख़ासतौर पर मुस्लिम समुदाय को इस बिल के दायरे से बाहर किए जाने पर. वहीं कई लोग ऐसे बिल का काफ़ी समय से इंतज़ार कर रहे थे. पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान से आए हज़ारों हिंदू और सिख शरणार्थियों के लिए ये बिल एक वरदान की तरह आया है. अपनी ज़िंदगी का बड़ा समय एक शरणार्थी की तरह काट चुके ये लोग अब राहत की सांस ले रहे हैं कि आख़िरकार उन्हें एक देश की पहचान मिल जाएगी और वो हिंदुस्तान के नागरिक बन जाएंगे. जयपुर में हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने पाकिस्तान से जान बचाकर आए ऐसे सिंधी हिंदुओं का जायज़ा लिया तो वहीं दिल्ली में शरद शर्मा ने अफ़ग़ानिस्तान से भागकर आए सिख शरणार्थियों से बात की.