राम मंदिर के लिए आंदोलन के वक्त BJP के साथ जो इकलौती party थी, वो शिवसेना थी. BJP की पहली राजनीतिक partner भी शिवसेना बनी लेकिन सत्ता की तमन्ना में उनके रास्ते अलग हो गए. आज शिवसेना का उद्धव ठाकरे वाला खेमा congress के साथ है और BJP पर आरोप लगा रहा है कि उसने भगवान राम को अगवा कर रखा है. तीस साल में कितना कुछ बदल गया...