2 जुलाई को 8 विधायकों के साथ शपथ लेने के बाद अजित पवार और बाकी बागियों को शरद पवार ने NCP से निकाल दिया था. इसके बाद अजित पवार ने अपनी नई पार्टी बना ली. लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है कि बहुमत किसके साथ है.