भाजपा ज्वाइन करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरे जीवन में 2 तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रही हैं. व्यक्ति के जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं जो व्यक्ति के जीवन को बदल कर रख देते हैं. मेरे जीवन में पहला दिन 30 सितंबर 2001, जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिताजी को खोया. उसी के साथ दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी, जहां जीवन में एक नई परिकल्पना और नया एक मोड़ का सामना करके एक नया निर्णय लिया है.साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने सदैव माना है कि हमारा लक्ष्य इस भारत मां में जनसेवा होना चाहिए और राजनीति केवल उस लक्ष्य की प्राप्ति का साधन होना चाहिए. पिछले 18-20 वर्षों में जो मुझे समय मिला है. मैंने प्रदेश और देश की सेवा करने का मौका मिला. मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जन सेवा का लक्ष्य आज उस संगठन के माध्यम नहीं हो पा रहा था. इसके अतिरिक्त वर्तमान में जो स्थिति में है, वो कांग्रेस पार्टी आज नहीं रही जो पहले थी.