हम इस वक्त सिंघु बॉर्डर पर हैं. पिछले एक साल से किसान यहां पर आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही ये किसान आंदोलन व्रत हो गए. इनको बीच-बीच में 'आंदोलनजीवी' भी कहा गया. लेकिन तीनों कानून रद्द होने के साथ ही ये आज से आंदोलन व्रत हो गए.