1992 के खौलते हुए दिनों में जब बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद यूपी की सरकार बर्ख़ास्त कर दी गई, तब सपा और बसपा ने मिल कर चुनाव लड़ा था. अनुसूचित जाति और पिछड़ों के उस ऐतिहासिक गठजोड़ ने राज्य में सपा-बसपा की साझा सरकार बनाई. ये अलग बात है कि वो गठबंधन टिका नहीं और कमंडल ने मंडल में सेंधमारी कर ली. लेकिन अब 26 साल बाद फिर से सपा-बसपा एक साथ हैं. हालांकि ये सिलसिला हाल के उपचुनावों में भी दिखा, लेकिन कल इस पर एक और मुहर लग गई.