कई कश्मीरी पंडित मायूस हैं. महाशिवरात्रि आ रही है लेकिन उनकी जेबें खाली हैं. उन्हें आठ महीने से वेतन नहीं मिला है. सरकार कहती है कि वो कश्मीर घाटी जाकर अपनी नौकरी ज्वाइन करे, तब उन्हें उनकी तनख्वाह मिलेगी. बड़ा सवाल है कि क्या उपराज्यपाल की बात पर भरोसा कर कश्मीरी पंडितों को घाटी लौटना चाहिए?